“कुनबी बनेंगे मराठा! लेकिन OBC को टेंशन नहीं लेने का – शिंदे जी का भरोसा”

भोजराज नावानी
भोजराज नावानी

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग और ओबीसी समुदाय की चिंता के बीच डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने “क्लियर कट स्टैंड” लिया है। उन्होंने बुधवार को साफ-साफ कहा कि मराठा समुदाय को कुनबी सर्टिफिकेट मिलने से OBC आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

क्या है पूरा मामला?

मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय को अब “हैदराबाद गजेट” के दस्तावेजों के आधार पर कुनबी जाति में शामिल किया जा सकता है। कुनबी एक कृषक जाति है जो महाराष्ट्र की OBC लिस्ट में शामिल है।

इस फैसले के चलते OBC समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है, खासकर नेता छगन भुजबल ने अपनी असहमति जताई है। उन्हें डर है कि मराठों को OBC में शामिल करने से उनका आरक्षण कोटा कम हो सकता है।

शिंदे का भरोसा: “आरक्षण सुरक्षित रहेगा”

एकनाथ शिंदे ने कहा:

“कल जो सरकारी संकल्प जारी हुआ है, उससे OBC आरक्षण पर कोई असर नहीं होगा। जिसके पास 1967 से पहले के दस्तावेज़ हैं, वही OBC का सर्टिफिकेट पाएंगे।”

उन्होंने ये भी कहा कि वो खुद मुख्यमंत्री के साथ जाकर छगन भुजबल को समझाएंगे कि OBC के हक को नुकसान नहीं होगा।

जरांगे की जीत, सरकार की रजामंदी

मराठा आरक्षण आंदोलन के चर्चित नेता मनोज जरांगे पाटिल बीते पांच दिन से आज़ाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। सरकार ने मंगलवार को उनकी मांगें मान लीं, जिसके बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी।

कौन हैं ‘कुनबी’?

कुनबी जाति महाराष्ट्र में पारंपरिक रूप से खेती से जुड़ी है और इसे OBC लिस्ट में शामिल किया गया है। अगर कोई मराठा व्यक्ति 1967 से पहले के दस्तावेजों में अपने कुनबी होने का प्रमाण देता है, तो उसे OBC का लाभ मिल सकता है।

सरकार का मकसद है कि मराठों को न्याय मिले, लेकिन ओबीसी के अधिकारों से बिना छेड़छाड़ के।
शिंदे का यह बयान राजनीतिक बैलेंस बनाने की कोशिश है। आगे देखना होगा कि छगन भुजबल और OBC नेता इस पर क्या रुख अपनाते हैं।

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